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मियां भोपाली के झोले-बतोले: एमपी में चुनाव जीतने का नकलमार फार्मूला
अमर उजाला ग्राफिक्स - फोटो : अमर उजाला
विस्तार को खां, अपने एमपी में विधानसभा चुनाव जीतने की खातिर दो बड़ी पार्टियों बीजेपी ओर कांगरेस में योजनाओं का नकलमार फार्मूला चल रिया हे। पेले कांगरेस ने बीजेपी की नकल करी तो अब बीजेपी कांगरेस की योजनाओं की नकल कर रई हेगी। आम पब्लिक ये नई समझ पा रई के ये हो क्या रिया हे। क्या इन पार्टियों के पास अपने ओरिजिनल पिलान भी खतम हो गए हेंगे? क्या इसी माफिक नकल कर के ये दोनो पार्टियां चुनावी इ्म्तहान पास करना चाह रई हेंगीं?
मियां, गजब तो ये हे के बीजेपी ओर कांगरेस एक दूसरे पे बेशरमी से नकल करने का इलजाम भी लगा रई हें। पेले कांगरेस ने ओरतों के मामले में बीजेपी की नकल करी तो ये ई काम गायों के मामले में बीजेपी कांगरेस की नकल करके कर रई हेगी। हाल में भोपाल में हुए गोरक्षा सम्मेलन में सीएम शिवराज ने ऐलान करा के सरकार अब राज्य में गोपालको से गाय का गोबर खरीदेगी। यह योजना कांग्रेसशासित छत्तीगढ़ में तीन साल से लागू हेगी। इसके दो माह पेले सीएम शिवराज ने पिरदेश की महिलाओं को सीधे माली फायदा पोंचाने वाली ‘लाडली भेना योजना’ का ऐलान करा था, जिसके तहत गरीब ओरतों को हर महीना एक हजार रूपिया देने का पिरावधान हे। इससे घबराके कांगरेस ने ताबड़तोड़ ‘नारी सम्मान योजना’ की घोषणा कर दी। इसके तहत काबिल महिला को हर महीना 1500 रुपया देने तथा रसोई गैस सिलेंडर 500 रुपये की रियायती दर पर देने का वादा करा गया हे। अब आलम यह हे के पिरदेश की महिलाएं शिवराज सरकार और कांगरेस ओर दोनो की ही योजनाओं के फारम भर रई हेंगी। न जाने कोन सी लाटरी लग जाए।
बहरहाल गाभन सरकार के तीन महीने पूरे होने को हें। सो, आने वाले बच्चे का भ्रूण भी कुछ आकार लेने लगा है। प्रदेश में मुख्य मुकाबला तो सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी कांग्रेस में ही हे, लेकिन कुछ और पार्टियां जैसे आम आदमी पार्टी, असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम, आदिवासियों की गोंडवाना गणतंत्र पार्टी तथा जय आदिवासी संगठन एवं दलितों की भीम आर्मी भी बड़े दलों का खेल बिगाड़ने में जुट गई हेंगी। सूबे में बसपा का भी अपना वोट बैंक है, लेकिन उसकी हरकते भोत ज्यादा नई दिख रई हें।
मियां, हकीकत में अगला विधानसभा चुनाव जीतने के लिए मुखमंतरी शिवराज हर मुमकिन पासा फेंक रिए हें, जो इंसानों से लेके गावों तक फेला हेगा। इसके पेले उन्होंने लाडली बहना के अलावा बेरोजगारी भत्ता और नए जाति के हिसाब से तमाम कल्याण बोर्ड बना के बड़े तबके को खुश करने की कोशिश करी थी, तो अब वो गायों में भी मजहबी आस्था के साथ वोटों की उम्मीदें देख रिए हें। भोपाल में आयोजित गोरक्षा सम्मेलन में उन्होंने कहा कि राज्य सरकार गोपालकों से गोबर खरीदेगी। इसके लिए सरकार ने एक समिति का गठन करा था, जिसने छत्तीसगढ़ का दौरा करा था। उसी बुनियाद पे कमेटी ने अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपी। हालांकि मप्र का गोबर खरीद मॉडल छग से अलग होगा। कहा जा रिया हे कि सरकार गोबर से खाद और पेंट बनवाएगी।
शिवराज ने ये भी बोला के 1962 नंबर पर फोन करेंगे तो पशु चिकित्सा एंबुलेंस, जिसे गो एम्बुलेंस कहा जा रहा है, वहां पहुंच जाएगी, जहां बीमार गोमाता हेगी। इसके लिए पिरदेश के अलग अलग हिस्सों को कुल 406 एम्बुलेंस बांटी गई हें। इसके अलावा कुदरती खेती करने वालों गोपालकों को हर महीने नौ सौ रूपये भी मिलेंगे। बताया जा रिया हे के ये रकम 22 हजार किसानों को मिलेगी। साथ ही आदिवासियों को गाय खरीदने पर सबसिडी भी मिलेगी।
कांगरेस की हुकूमत वाले छत्तीसगढ़ में ये योजना दो साल पेले यानी 20 जुलाई 2020 को हरेली त्योहार के दिन से लागू हुई थी। उसके दूसरे दिन से इस गोधन न्याय योजना के तहत गोठानों में गोबर की खरीदी की शुरूआत हुई थी। सरकार वहा अब तक 143 करोड़ रुपये का गोबर खरीद चुकी है। छग में जब यह योजना लागू हुई, उस वक्त तक मप्र में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार हुकूमत से बेखदल हो चुकी थी। हैरानी की बात यह हे मियां, अभी भी कांग्रेस ने मप्र में छग की इस योजना को लागू करने के ऐलान की कोई पहल नहीं करी। मगर अब वो शिवराज की घोषणा को छग की नकल बता रई हे।
इसके पहले जब शिवराज ने लाडली लक्ष्मी योजना लागू करी थी तो कांगरेस ने तत्काल नारी सम्मान योजना के नाम से जवाबी योजना लागू करने का ऐलान कर दिया। शिवराज सरकार ने तो लाड़ली बहना योजना के लिए 8000 करोड़ का बजट पिरावधान भी कर दिया हे। इस योजना पे हर महीने 1250 करोड़ रुपए खर्च होंगे। हालांकि इसमें पेच यह है कि अगर शिवराज सरकार ने चुनाव के पहले महिलाओं खातों में एक हजार रू. जमा करना शुरू कर दिए तो उसका चुनाव पर ज्यादा असर होगा या फिर कांग्रेस की सिर्फ घोषणा का?
मियां, दूसरी तरफ दीगर पार्टियां अपने ढंग से चुनावी जमावट में लग गई हे। खुद को मुसलमानों की रहनुमा मानने वाली असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने एमपी में 33 ऐसी सीटों की पहचान करी हे, जहां मुसलमान वोट निर्णायक हैं। पार्टी इनमें से कुछ सीटें जीतने की कोशिश करेगी। इसका नुकसान कांग्रेस को हो सकता है। आम आदमी पार्टी भी विधानसभा की सभी सीटों पर चुनाव लड़ने की बात कर रही है। ऐसा हुआ तो वह दोनो मुख्य पार्टियों को झटका दे सकती है। जयस और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी दोनो पार्टियों का खेल बिगाड़ सकती हैं।
- बतोलेबाज
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